राजस्थान के भाजपा नेताओं ने भले ही हैदराबाद में बीजेपी की बैठक में तस्वीरों के जरिए एकजुटता का संदेश दिया हो लेकिन उनके बीच के फ़ासले कम नहीं हुई है !
उदयपुर में एक ही दिन में बीजेपी के दो बड़े नेता अलग अलग समय पर पहुंचे कन्हैयालाल के घर पहुंच कर परिवार जनों को ढांढस बंधाया पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अलग-अलग समय कन्हैयालाल के घर पहुंचे !
वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की नसीहत के बावजूद भी राजस्थान भाजपा नेताओं में एकजुटता का अभाव दिखाई दे रहा है !
राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत तक होने है लेकिन सीएम फेस को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच चल रही खींचतान से राष्ट्रीय नेतृत्व की चिंता बढ़ गई है !
सूत्रों का कहना है कि भाजपा मोदी लहर के सहारे ही विधानसभा चुनाव जीत सकती है भाजपा नेता गहलोत सरकार के खिलाफ राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर पैदा नहीं कर पाए है !
जबकि गहलोत सरकार ने साढ़े तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है चौथे साल में प्रवेश करने वाली है राजस्थान के भाजपा नेता गहलोत सरकार के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन नहीं कर पाए हैं !
राजस्थान भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह का कहना है कि विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा वसुंधरा समर्थकों को यह स्वीकार नहीं है !
बता दें कि लगभग दो महीने पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में अपने आवास पर राजस्थान भाजपा नेताओं की गुटबाजी ख़त्म करने के लिए बैठक बुलाई थी जेपी नड्डा ने बैठक में पार्टी के नेताओं को प्रदेश नेतृत्व के साथ मिलकर एकजुटता से काम करने की नसीहत दी थी जेपी नड्डा ने स्पष्ट कहा कि पार्टी संगठन बड़ा है व्यक्तित्व नहीं !
साथ ही बैठक में राजस्थान में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव और पार्टी संगठन की तैयारियों सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई राष्ट्रीय अध्यक्ष की नसीहत के बाद भी भाजपा नेताओं में खींचतान जारी है !
हालाँकि भाजपा नेताओं के बीच असली लड़ाई मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर है सीएम रेस में आधा दर्जन भाजपा नेता शामिल है वसुंधरा समर्थक चाहते हैं कि पूर्व सीएम को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए जबकि वसुंधरा विरोधी धड़ा इसका विरोध कर रहा है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सीएम फेस के प्रबल दावेदार माने जाते हैं !
राजस्थान भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह का कहना है कि विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा और वसुंधरा समर्थकों को यह स्वीकार नहीं है !
विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए कोटा में हुई भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में फूट दिखने को मिली थी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे बिना भाषण दिए ही चली गईं लंच ब्रेक के बाद वह सीधे संघ के कार्यालय पहुंचीं और दो घंटे तक वहीं रहीं कहा जाता है कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के लिए करीब 25 मिनट बोलने का समय तय किया गया था पर उन्होंने भाषण नहीं दिया पार्टी में फूट और तालमेल की कमी का यह मामला दिल्ली में नेतृत्व तक पहुंच गया था सियासी गलियारों में भी इस घटना की चर्चा खूब हुई !
वसुंधरा राजे के जन्मदिन पर भी भाजपा नेताओं में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई थी जन्मदिन पर आयोजित समारोह में वसुंधरा राजे ने अपने सियासी विरोधियों पर जमकर निशाना साधा था !