पिछले कुछ वर्षों में डायबिटीज़ रोगियों की वैश्विक संख्या में तेजी से उछाल देखने को मिला है !
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह सच है कि उम्र या डायबिटीज़ का पारिवारिक इतिहास आपके रोग विकसित करने की आशंका को बढ़ा देता है !
हालांकि ध्यान देने वाली बात यह भी है कि डायबिटीज के सामने आ रहे ज्यादातर मामलों के लिए जीवनशैली और आहार में गड़बड़ी को मुख्य कारण माना जा रहा है !
यही कारण है कि एक दशक पहले तक इस बीमारी को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या माना जाता था लेकिन अब कम उम्र के लोगों में भी इसका निदान किया जा रहा है !
हालांकि आपको जान कर आश्चर्य होगा कि दैनिक जीवन की कुछ आदतें भी डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकती है !
अक्सर इनसे ज्यादातर लोग अनजान होते हैं जिसके कारण इस रोग के मामले बढ़ रहे हैं !
आइए उन आदतों के बारे में जानते हैं जो डायबिटीज का कारण बन सकती हैं इनसे तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए !
पिछले कुछ सालों में रिफाइंड कार्ब्स के सेवन की आदत में इजाफा देखने को मिला है सीधे शब्दों में कहें तो सफेद ब्रेड, सफेद चावल, मैदा, पास्ता जैसी चीजें डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकती हैं !
रिफाइंड कार्ब्स आपके शरीर को अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित करते हैं, जिससे शरीर में इंसुलिन बढ़ता है इस इंसुलिन का सही से प्रबंधन न हो पाने के कारण डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है !
दिनभर ऑफिस में एक ही जगह पर बैठे रहने व्यायाम और शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण डायबिटीज का जोखिम बढ़ जाता है !
एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन की समीक्षा में विशेषज्ञों ने पाया कि जो लोग दिन का ज्यादा समय बैठे-बैठे निकाल देते हैं उनमें अन्य लोगों की तुलना में डायबिटीज़ हृदय रोग और कैंसर होने की आशंका अधिक होती है !
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार थोड़ी-थोड़ी देर पर सीट से उठकर घूम लेने और रोजाना व्यायाम करके इस खतरे को कम किया जा सकता है !
अध्ययनों से पता चलता है कि रात की नींद पूरी न होने से शरीर में कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है !
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार देर रात तक जगना और रात की नींद पूरी न हो पाना आजकल लोगों की आम समस्या बन गई है यह डायबिटीज़ के खतरे को बढ़ा देती है !
डायबिटीज समेत तमाम तरह की बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए रोज रात में कम से कम आठ घंटे की नींद जरूर पूरी करें !
साथ ही अध्ययनों से पता चलता है कि वैसे तो तनाव का सीधा संबंध मधुमेह से नहीं है हालांकि इसे एक कारक जरूर माना जाता है !
तनाव के कारण शरीर में ‘कोर्टिसोल’ नामक हार्मोन बढ़ने लगता है जो इंसुलिन गतिविधि को प्रभावित कर देता है !
कोर्टिसोल अधिक होने से ब्लड शुगर का स्तर भी बढ़ने लगता है तनाव को प्रतिबंधित करके डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है !