गहलोत ने अपने विधायकों के खिलाफ रचा बड़ा गेम प्लान, अब आखिर क्या करेंगे विधायक !

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चिंतन शिविर से इतर राज्यसभा चुनावों से पहले कांग्रेसी खेमे के नाराज विधायकों ने सियासी हलचल बढ़ा दी है नाराज चल रहे विधायकों को मनाने के साथ डैमेज कंट्रोल का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संभाल लिया है !

विधायकों पर इंटेलिजेंस की निगरानी बढ़ा दी गई है नाराज विधायकों पर इंटेलिजेंस और पुलिस की खास नजर है इन विधायकों के मिलने-जुलने वालों तक पर निगाह रखी जा रही है इससे राज्यसभा चुनावों से पहले एक बार फिर विधायकों की जासूसी का मुद्दा गर्मा सकता है !

सचिन पायलट खेमे की जुलाई 2020 में हुई बगावत और इससे पहले जून 2020 में हुए राज्यसभा चुनावों में भी यही पैटर्न अपनाया गया था कहा जाता है कि पॉलिटिकल क्राइसिस मैनेजमेंट का अनुभव रखने वाले पुलिस अफसर पर्दे के पीछे एक्टिव हो गए हैं इंटीग्रेटेड रूप से निगरानी और क्राइसिस मैनेजमेंट शुरू कर दिया गया है नाराज विधायकों को मनाने के लिए सीएम खुद सक्रिय हैं !

BJP समर्थक निर्दलीय कैंडिडेट सुभाष चंद्रा के कांग्रेसी खेमे के कुछ विधायकों से अच्छे रिश्ते हैं सुभाष चंद्रा और BJP नेताओं ने कांग्रेसी खेमे के कुछ विधायकों से संपर्क किया है जिसके बाद निगरानी तंत्र और मजबूत कर दिया गया है !

उधर कांग्रेस विधायकों की गुरुवार से उदयपुर में बाड़ेबंदी शुरू हो रही है कुछ विधायक उदयपुर पहुंच गए हैं कांग्रेस विधायक रफीक खान और सीएम के खास नेताओं ने कल ही उदयपुर पहुंचकर चिंतन शिविर वाले होटल ताज अरावली में बाड़ेबंदी की व्यवस्थाएं संभाल ली हैं आज शाम तक जयपुर में चल रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर पर एक्शन टेकन कैंप से विधायकों को सीधे उदयपुर ले जाया जाएगा !

दो दिन पहले मुख्यमंत्री निवास पर मिलने के लिए नहीं पहुंचे तीन विधायकों के अलावा बीटीपी ​के दो विधायकों से संपर्क साधा गया है बीटीपी के दोनों विधायकों ने अभी स्टैंड साफ नहीं किया है !

बीटीपी के विधायक आदिवासी को कांग्रेस से राज्यसभा उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के मुद्दे के अलावा पहले के लंबित मुद्दों का समाधान नहीं होने से नाराज हैं निर्दलीय बलजीत यादव अब तक नहीं माने हैं !

किशनगढ़ विधायक सुरेश टाक और सीएम के खास निर्दलीय बाबूलाल नागर बाड़ेबंदी से पहले ही उदयपुर पहुंच गए हैं वहीं देर रात खुशवीर सिंह जोजावर भी होटल पहुंच गए सुरेश टाक और ओमप्रकाश हुड़ला सीएम से मिल चुके हैं लेकिन इनके BJP के पुराने बैकग्राउंड को देखते हुए इन पर निगरानी रखी जा रही है सुरेश टाक को इसीलिए पहले उदयपुर भेजा गया है !

राजनीतिक जानकारों के मुता​बिक सरकार से नाराज चल रहे कांग्रेस निर्दलीय और बीटीपी विधायक अपने-अपने पैंडिंग कामों और मुद्दों की वजह से नाराज हैं राज्यसभा चुनाव में इनके वोट चाहिए इस सरकार के कार्यकाल में यह आखिरी राज्यसभा चुनाव है इसलिए विधायक भी जानते हैं कि इसके बाद प्रेशर बनाने का इतना बेहतरीन मौका नहीं मिलेगा नाराजगी जाहिर करने के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है !

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