पंजाब से सीख लेते हुए कांग्रेस ने कहा है कि वह अगले 60 दिनों के भीतर फैसला करेगी कि राजस्थान में 2023 विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में होंगे या नहीं !
पार्टी नेतृत्व के मुताबिक, वह पंजाब जैसी स्थिति पैदा नहीं करना चाहती जहां इसे आखिरी वक्त तक के लिए इसे टाला गया था !
अशोक गहलोत या सचिन पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव में उतरेगी या सामूहिक नेतृत्व का फॉर्मूला अपनाएगी, यह जल्द ही फाइनल हो जाएगा 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी !
कुल मिलाकर असमंजस की स्थिति जल्द ही खत्म हो जाएगी और यह ऐलान किया जाएगा कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव में जाना है या नेतृत्व बदलना है !
पार्टी का मानना है कि स्पष्ट फैसला लेना जरूरी है ताकि चुनाव की तैयारियां पूरे जोश के साथ की जा सके संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच कोई भ्रम नहीं होना चाहिए !
अगर अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव लड़ना है तो वह भी स्पष्ट होना चाहिए और अगर नेतृत्व बदलना है तो वह भी समय से पहले ही घोषित कर देना चाहिए !
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन व अन्य नेताओं से चर्चा के बाद फैसला किया है कि राज्यसभा चुनाव के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा ताकि पंजाब की तरह कोई बदलाव नहीं किया जा सके यानी जुलाई तक राजस्थान कांग्रेस में कोहराम मचा हुआ रहेगा !
चिंतन शिविर के बाद गहलोत ने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है लेकिन पार्टी युवा नेतृत्व के साथ आगे बढ़ेगी या अनुभव के साथ रहेगी, यह जून के अंत या जुलाई के पहले सप्ताह तक तय हो जाएगा !