अगले 3 साल में 15 हजार महिलाओं को नौकरी दिलाने का गहलोत सरकार ने निर्णय लिया है !
निजी कंपनियों-संस्थाओं में नौकरी दिलाने के लिए बैक टू वर्क योजना बनाई गई है !
सीएम गहलोत ने इसे मंजूरी दी है विधवा, सिंगल वूमन, तलाकशुदा और क्राइम से पीड़़ित महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी !
इसके तहत निजी कंपनियों से सरकार टाईअप करेगी बाकायदा कंपनियों की जरूरत के हिसाब से महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी !
इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकार ने आम महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल की है इसे सफलता मिली तो पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर इसे लागू किया जाएगा और नौकरी दिलाने में महिलाओं की मदद की जाएगी !
जो महिला वर्क प्लेस पर नहीं जा सकती उसे वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन मिलेगा रोजगार से जुड़ने की इच्छा रखने वाली महिलाओं को वूमन एम्पावरमेंट और कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी संस्था के माध्यम से रोजगार दिलाने के लिए सिंगल विण्डो सिस्टम की फैसिलिटी डेवलप की जाएगी इसके अलावा आरकेसीएल के जरिए स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी !
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर स्कीम के इम्प्लीमेंटेशन के लिए प्राइवेट सहयोगी इंस्टीट्यूट या सीएसआर के पोर्टल पर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर डेवलप किया जाएगा !
इसी के माध्यम से एप्लीकेशन लिए जाएंगे ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर्ड महिलाओं को कैटेगिरी वाइज डाटाबेस के आधार पर प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां दिलाने का काम सीएसआर के तहत होगा !
जरूरत पड़ने पर ऐसी संस्थाएं रजिस्टर्ड महिलाओं को री-स्किलिंग या अप-स्किलिंग के लिए ट्रेनिंग भी देंगी !
इसका अपडेशन भी पोर्टल पर किया जाएगा स्कीम को प्रभावी तौर पर धरातल पर उतारने के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जाएगी !