एक समय पर राजस्थान में जय और वीरू की जोड़ी की तरह नज़र आने वाले कांग्रेस के दो दिग्गज नेता सचिन पायलट और रामेश्वर डूडी के रिश्तों के बीच खटास नज़र आती दिख रही है दरअसल जब सचिन पायलट राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे और रामेश्वर डूडी बतौर नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में थे तब दोनों नेताओं के बीच की जुगलबंदी का असर देखने को मिलती थी दोनों ही ज़ोर शोर से कांग्रेस को मज़बूती देते रहे और कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम दोनों ने किया उसकी बदौलत प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन जब कांग्रेस की सरकार बनी तब रामेश्वर डूडी नोखा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे !
उसके बाद लगातार दोनों नेताओं के बीच दूरियां बढ़ती गई हालाँकि मुलाक़ातें फिर भी होती थी लेकिन अब ये दूरियां और ज़्यादा बढ़ गई है 26 अप्रैल को रामेश्वर डूडी अपने गाँव जसरासर में किसान सम्मेलन का आयोजन करने जा रहे हैं इस सम्मेलन में डूडी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश प्रभारी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूरी कैबिनेट को आमंत्रित किया है !
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लेकिन सचिन पायलट को ये निमंत्रण नहीं भेजा है यहाँ तक कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी इस सम्मेलन में बुलावा भेजा गया है अब सवाल उठा रहा है कि ये दो अज़ीज़ दोस्त आख़िर कैसे अलग हो सकते हैं लेकिन कहते हैं ना कि सत्ता की पावर ही कुछ ऐसी होती है कि इंसान न जाने क्या क्या कर बैठता है !
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रामेश्वर डूडी का यह राजनीतिक स्टंट है या कोई व्यक्तिगत मतभेद ये तो रामेश्वर डूडी और सचिन पायलेट ही जानते हैं लेकिन इन दोनों की दोस्ती में दरार की चर्चा सियासी गलियारों में जमकर हो रही है !