राजस्थान का सियासी घटनाक्रम हैं कि थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। यूं देखा जाए तो सियासी संग्राम पर पूर्ण विराम लग चुका हैं परन्तु अन्दर ही अन्दर आन्तरिक कलह जारी हैं।
राज्य में पार्टी के भीतर चली आ रही कलह को समाप्त करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने अजय माकन को प्रभारी बनाकर भेजा हैं।
माकन पायलट कैम्प के विधायको को मुख्य धारा में जोडने में लगे हुए हैं और गहलोत की लीडरशिप में ही राज्य की कमान रखने के विचार में हैं। सूत्रों के हवाले से खबर हैं कि पायलट कैम्प के कम से कम आधा दर्जन विधायक गहलोत कैम्प में जुडे हैं।
इसी बीच मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं चल रही हैं । जिसमें सचिन पायलट रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को लेकर अड़े हुए हैं और आलाकमान और गहलोत कैम्प नहीं चाहता हैं कि बागी विधायकों के नामों पर पुनर्विचार किया जाए।
ऐसे में पार्टी के सामने एक बार फिर से पशोपेश की स्थित आ रही हैं। गौरतलब हैं कि पायलट कैम्प और आलाकमान के बीच बातचीत में डेडलॉक की स्थिति उत्पन्न हो रही हैं।