विधानसभा में वसुंधरा राजे की चुप्पी, तूफान से पहले की खामोशी ?

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14 Aug,2020

विधानसभा में आज सबकी नजरें दो चेहरों पर टिकी हुई थी, एक सचिन पायलट और दूसरा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सचिन पायलट और वसुंधरा राजे दोनों ही विधानसभा में नजर आए । लेकिन सचिन पायलट ने जहां अपनी बात सदन में रखते हुए कांग्रेस के प्रति निष्ठा दिखाई और बीजेपी को कटघरे में लिया । वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मौन नजर आईं, इसके अलावा विधानसभा में आज एक और घटना घटी, कल तक माना जा रहा था कि बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी । लेकिन आज बीजेपी ने अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं किया । सिर्फ इतना ही नहीं विश्वास मत के दौरान बीजेपी ने वोटिंग की मांग भी नहीं की । सिर्फ ध्वनि मत से कांग्रेस पार्टी विश्वास मत साबित करने में कामयाब रही ।ऐसे में सवाल यह है कि क्या बीजेपी ने जो कल हस्ताक्षर कराकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी, माना जा रहा था कि उस पर वसुंधरा राजे की नाराजगी थी । क्योंकि वसुंधरा राजे यह जानती थी कि सरकार को गिराना अभी मुमकिन नहीं और अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तो उसे बीजेपी की फजीहत होगी । ऐसे में क्या यह माना जाए कि वसुंधरा राजे अघोषित तौर पर प्रदेश में पार्टी के अंदर अब सक्रिय भी हो चुकी है और निर्णायक भूमिका में भी आ चुकी है इन सबके बीच आज विधानसभा में उनकी चुप्पी को तूफ़ान से पहले की खामोशी भी कहा जा रहा है। माना जा रहा है कि राजस्थान बीजेपी में बहुत ही जल्दी कुछ बड़े बदलाव हो सकते हैं और यह बदलाव वसुंधरा राजे के कहने पर हो सकते हैं हाल ही में वसुंधरा राजे बीजेपी के प्रदेश आलाकमान से नाराज थीं और यह नाराजगी उन्होंने केंद्रीय बीजेपी के सामने भी रखी थी । अब यह इंतजार करना होगा कि क्या प्रदेश बीजेपी में बदलाव होते हैं या फिर वसुंधरा राजे मुखर होती हैं।

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