अशोक चांदना का सचिन पायलट को लेकर एक और विवादित बयान

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अशोक चांदना ने एक निजी अख़बार में कहा कि दो साल से लगातार पायलट साहब के समर्थक मुझे टारगेट बना रहे थे इस इवेंट से 10 दिन पहले उनके साथ गए हुए विधायकों में से एक विधायक गुर्जर समाज के कार्यक्रम में बोलते हैं कि जिन गुर्जर विधायकों ने पायलट साहब का साथ सरकार गिराने में नहीं दिया वो सब गद्दार हैं !

चुनाव आ रहा है आपको गद्दारों को सजा देनी है उसके 10 दिन बाद घटना हो गई प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं है !

पिछले दो साल में हम गुर्जर समाज के बहुत कार्यक्रमों में गए जिलों में गए अगर समाज में कोई रोष था तो पिछले 2 साल में तो कोई ऐसी घटना नहीं हुई क्योंकि अगर कोई मुझ पर जूते फेंकेगा तो मेरे पास भी समर्थक हैं मैं भी दो बार विधायक रहा हूँ मोदी लहर में भी विधायक चुनाव जीता हूँ पार्लियामेंट में चुनाव भी लड़ा हूं यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष भी रहा हूं राजनीति में जूता फिंकवाकर कामयाबी हासिल नहीं होती राजनीति में सारे जूते फिंकवाने लग जाएंगे तो कोई भी नहीं रहेगा या एक रहेगा !

मैं एक ही बात कहना चाहूंगा मेरी शराफत को मेरी कमजोरी मत समझ लेना !

कर्नल साहब को मैं गुर्जर समाज में मानव अवतार की उपाधि दूं तो बड़ी बात नहीं है उन्होंने ऐसा आंदोलन आजादी के बाद खड़ा किया जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता !

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वो लड़ाई एक दिन या 5 दिन नहीं चली 12 साल तक वो आंदोलन चला 2007 में आंदोलन शुरू किया तो 2020 में जाकर गुर्जर समाज सहित 5 समाजों को एमबीसी में उसका फायदा मिला वो 12 साल लगातार संघर्ष करते रहे 50 डिग्री में रेलवे की पटरी पर बैठे रहे
बिना खाने और पानी के भी आंदोलन किया उनका जीवन संघर्ष करने वाले व्यक्ति का रहा है उन्हें आखिरी श्रद्धांजलि देने लोग पुष्कर के कार्यक्रम में आए थे !

किसी को अधिकार नहीं था कि उनकी आखिरी यादगार को इस तरह कलंकित करे मुझे लगता नहीं है राजस्थान की यह संस्कृति रही है !

बीजेपी का जो भी कैंडिडेट मेरे सामने चुनाव लड़ने आएगा मैं उसका कॉम्पिटीटर हूं खबरें कुछ भी बन जाएं मेरा कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं था घर में कोई सरपंच भी नहीं था मैं तो मिट्टी से उठा हूं !

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यूथ कांग्रेस का चुनाव लड़ते-लड़ते लाठियां खाते-खाते, जेल देखते-देखते, साथियों के साथ राजनीति सीखते-सीखते यहां तक आ गया पता नहीं ये खबरें क्यों चलाई जाती हैं मुझे 12 साल के अनुभव में काफी चीजें सीखने को मिलीं !

मुझे किसी के कॉम्पिटीशन के रूप में आने का शौक नहीं है मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में विधायक के रूप में कामयाब कार्यकाल पूरा करना चाहता हूं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में पार्टी में अपना योगदान देना चाहता हूँ विभागों के मंत्री के रूप में अपनी परफॉर्मेंस देना चाहता हूँ !

कांग्रेस में हर कार्यकर्ता के नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी हैं इसमें कोई डिस्प्यूट ही नहीं है !

हम जब 2018 में विधायक बने तो प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट थे सारे विधायकों की मीटिंग हुई हमसे प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर सचिन पायलट ने कहा हाथ उठाकर कहो आलाकमान जो कहेगा वही मुख्यमंत्री होगा और हम सबको मंजूर होगा !

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हम सबने हाथ खड़े कर दिए क्योंकि हमारी टिकटें उन्होंने ही दी थीं हमने कहा कि आलाकमान पर विश्वास है वही फैसला करेगा !

राजस्थान में कौन मुख्यमंत्री होगा मुझसे तो कोई पूछेगा नहीं बनने से पहले मुझे बताएगा भी नहीं किन मानदंडों पर सीएम बनाया जाएगा मेरी इतनी पॉलिटिकल मैच्योरिटी भी नहीं है
मैं पॉलिटिक्स का स्टूडेंट हूं सीखते-सीखते सीख जाऊंगा अभी इतनी समझ नहीं है कि दावा कर दूं किसे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा या किसे मुख्यमंत्री बनना चाहिए !

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