अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की रेस में सबसे आगे चल रहे जो बाइडन ने कश्मीर और नागरिकता (संशोधन) कानून को लेकर भारत विरोधी बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि कश्मीरियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए भारत को जरूरी कदम उठाने चाहिए. जो बाइडन ने नागरिकता (संशोधन) कानून और असम में एनआरसी लागू करने को लेकर भी निराशा जताई है। गौरतलब हैं कि नवंबर माह में अनेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं।
हिंदू-अमेरिकियों के एक समूह ने बाइडन के कैंपेन में भारत के खिलाफ इस्तेमाल हुई भाषा को लेकर विरोध जाहिर किया है और इस पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है. समूह ने हिंदू-अमेरिकियों के लिए भी इसी तरह का पॉलिसी पेपर लाने की मांग की है. हालांकि, बाइडेन कैंपेन की तरफ से इन सवालों पर कोई जवाब नहीं आया है.
हालांकि भारत सरकार नागरिकता संशोधन कानून और कश्मीर को आंतरिक मामला करार देते हुए बाहरी संगठनों और दूसरे देशों के हस्तपेक्ष को खारिज कर चुकी है. सरकार का कहना है कि नागरिकता कानून का उद्देश्य पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करना है. इस कानून के तहत, 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी. वहीं, असम में एनआरसी को लेकर सरकार ने कहा है कि ये भी पूरी तरह से देश का आंतरिक मामला है और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसे लागू किया जा रहा है.