गहलोत की रजामंदी से सचिन पायलट बनेंगे प्रदेश अध्यक्ष !
1 min readपंजाब और राजस्थान की राजनीति ऐसा को देख ऐसा लगता है कि एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जिस भूमिका में पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू है उसी भूमिका में राजस्थान में सचिन पायलट है !
ऐसा माना जा रहा है कि लगभग फाइनल हो चुका है कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे, और यह तब होने वाला है जब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह खुलकर आलाकमान से अपनी नाराजगी जता चुके हैं और आलाकमान के फैसले को गलत बता चुके है !
लेकिन आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को शायद प्रदेश अध्यक्ष बनाने की ठानी है ऐसे में अगर सचिन पायलट को नवजोत सिंह सिद्धू के साथ कंपेयर किया जाए तो सचिन कहीं ज्यादा ताकतवर है और नवजोत सिंह सिद्धू से कहीं ज़्यादा लोकप्रिय नज़र आते हैं !
इस लिहाज से राजस्थान में आलाकमान पंजाब फॉर्मूला ही अपना सकती है यानी एक बार फिर से सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है और इसके जरिए राजस्थान की सियासत में संतुलन भी स्थापित कर दिया जाएगा !
हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके लिए राजी नहीं होंगे लेकिन पंजाब की तर्ज पर आलाकमान यहां भी अपनी वीटो पावर इस्तेमाल कर सकता है और सचिन को प्रदेश अध्यक्ष बना सकता है !
हाल के दिनों में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ खुलकर नाराजगी राजस्थान में देखी गई कई विधायकों ने गोविंद सिंह डोटासरा को बतौर प्रदेश अध्यक्ष एकदम फेल भी करार दिया !
वहीं AICC ने जिला अध्यक्षों की सूची बनाने के दौरान भी गोविंद सिंह डोटासरा को साइडलाइन कर दिया यानी आलाकमान भी गोविंद सिंह डोटासरा की कार्यशैली से या तो संतुष्ट नहीं है या फिर भरोसा नहीं है कि गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी को और राजस्थान कांग्रेस को बतौर प्रदेश अध्यक्ष संभाल सकते हैं !
यह वह तमाम संभावनाएं हैं जिनके जरिए राजस्थान की सियासत में कांग्रेस एक बार फिर से संतुलन बनाने की कोशिश करेगी और 2023 के चुनाव में सचिन के चेहरे पर चुनाव लड़ने की रणनीति भी बनाएगी क्योंकि जो प्रदेशाध्यक्ष होगा उसी के चेहरे के साथ राजस्थान में 2023 का चुनाव लड़ा जाएगा !