गहलोत नहीं सचिन हैं बड़े नेता !
1 min readसचिन बड़े हैं या फिर अशोक गहलोत ,सियासत में किसका कद बड़ा है और कौन ज्यादा जनाधार का नेता है ये सवाल हर तरफ उठता है !
लेकिन ये सच है कि गहलोत जब जब मुख्यमंत्री बने हैं उनके मुख्यमंत्री रहते कांग्रेस कभी भी राजस्थान में जीत नहीं पाई ,जीतना तो दूर बहुत खराब प्रदर्शन रहा !
जबकि सचिन के प्रदेशाध्यक्ष रहते कांग्रेस ने बीजेपी को हराया और सरकार बनी ये सब बातें पुरानी है क्या वर्तमान मे भी सचिन गहलोत से बड़े कद के नेता हैं !
इसको समझने के लिए ऐसे समझिए एक तरफ मुख्यंत्री गहलोत हैं जो कोरोना की वजह से घर से निकल नहीं रहे और दूसरी तरफ सचिन पायलट हैं जो अभी भी कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं !
वहीं आलाकमान की नजर में सचिन का कद क्या है इसको ऐसे समझिए कि बगावत के दाग के बाद भी सचिन को मध्यप्रदेश, यूपी में स्टार प्रचारक बनाया गया और अब उत्तराखंड में सचिन महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आ रहे हैं !
अब राजस्थान से शायद वो इकलौते ऐसे विधायक हैं जो दूसरे राज्य में जाकर मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं और आलाकमान उनको ये जिम्मेदारी दे रहे हैं !
क्योंकि आलाकमान भी ये जानता है कि सचिन के बराबर का राजस्थान कांग्रेस में कोई ऐसा नेता नहीं है जो राजस्थान से बाहर जनता के बीच में लोकप्रिय हो उल्टा राजस्थान में कोई ऐसा नेता भी नहीं है जो पूरे राजस्थान में लोकप्रिय हो और सचिन का राजस्थान के बाहर कांग्रेस के लिए प्रचार करना बताता है कि आलाकमान की नजर में सचिन एक प्रदेश के नहीं बल्कि राष्ट्रीय नेता हैं और इसका फायदा आलाकमान उठाना भी चाहता है !
लेकिन अब सवाल दूसरा क्या सचिन को जानबूझ कर राजस्थान से बाहर प्रचार करने की जिम्मेदारी दी जा रही है क्या ये संकेत हैं कि सचिन केंद्र में बड़ी भूमिका निभाएंगे और क्या ये समझौता है !
सचिन – गहलोत और आलाकमान के बीच कि सचिन राजस्थान कि राजनीति से दूर दिल्ली की राजनीति करेंगे वहीं सचिन समर्थक विधायकों को गहलोत मंत्रीमंडल में शामिल किया जाएगा और गहलोत राजस्थान की कमान संभालते रहेंगे हो ये भी सकता है कि सचिन आलाकमान को ये दिखाना चाहते हों कि वो कांग्रेस से दूर नहीं रहे और हमेशा कांग्रेस को मजबूत किया है !