राजस्थान के लिए पायलट ने दिया फिर से बड़ा योगदान !
1 min readकांग्रेस में अंदरखाने खबर चल रही है कि सचिन पायलट को कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है उनको राष्ट्रीय नेता के तौर पर स्थापित किया जाएगा और पूरे देश में सचिन की लोकप्रियता का फायदा उठाया जाएगा और इसके जरिए सचिन का कद गहलोत और डोटासरा से भी बड़ा हो जाएगा !
लेकिन अब जो सचिन गुट के नेताओं से संकेत मिल रहे हैं सचिन अपनी राजनीति का केंद्र राजस्थान को ही रखना चाहते हैं वो राजस्थान छोड़ कर नहीं जाना चाहते माना जा रहा है कि सचिन प्रदेश में रहकर ही सक्रीय राजनीति करना चाहते हैं और सचिन ने अपने मन की बात को आलाकमान तक भी पहुंचा दिया है !
यानि सचिन से आलाकमान को बता दिया है कि आप जो पद मुझे देना चाहते हैं मैं उस पद पर काम नहीं करना चाहता हूं मैं राजस्थान में रहकर अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रदेश की जनता के लिए कांग्रेस के लिए काम करना चाहता हूं !
ऐसे में खबर ये भी है कि जल्द ही राजस्थान कांग्रेस में समन्वय स्थापित हो जाएगा यानि सचिन गुट और गहलोत गुट के बीच चल रही खींचतान को खत्म कर दिया जाएगा, दोनों के बीच में सुलह करा दी जाएगी !
लेकिन सवाल ये होगा कि सचिन अगर कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर नहीं जाना चाहते जो अध्यक्ष के बाद कांग्रेस में सबसे बड़ा पद है तो क्या सचिन की रणनीति राजस्थान की सियासत में कांग्रेस का चेहरा बनने की है या कहें कि मुख्यमंत्री बनने की है अपने समर्थकों को मंत्री बनाने की है और राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बनवाने की है !
मुमकिन है अगर सचिन कार्यकारी अध्यक्ष का पद ठुकराते हैं तो फिर हो सकता है कि वो आलाकमान को समझा पाएं कि 2023 में वो फिर से कांग्रेस की राजस्थान में सरकार बनवाते हैं तो फिर उनको मुख्यमंत्री बनाया जाए !
अब ये सचिन को तय करना है कि वो राजस्थान में रहकर अपनी सियासत को चमकाना चाहते हैं या फिर कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष बनकर सियासत करना चाहते हैं !
माना जा रहा है कि अंतिम फैसला आलाकमान को नहीं बल्कि सचिन पायलट को करना है लेकिन ये उन नेताओँ के लिए करारा जवाब है जिन्होंने सचिन को बाहरी कहा था !