September 25, 2021

पायलट को मिली आलाकमान की हरी झंडी, मुख्यमंत्री बदलने का प्लान तैयार !

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पंजाब के बाद अब राजस्थान की बारी है राजस्थान में सियासी संकट के दौरान राहुल गांधी 13 माह तक सचिन पायलट से नहीं मिले थे और अब सप्ताह में दो बार मुलाकात हो चुकी है !

लेकिन दूसरी बार मुलाकात में प्रियंका गांधी ने भी सचिन पायलट से बातचीत की है इस बीच चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भी राहुल गांधी से मिले हैं !

साथ ही प्रदेश प्रभारी अजय माकन दोनों से मिल चुके हैं इन मुलाकातों से लगता है कि राजस्थान में बदलाव का ब्यू प्रिंट पार्टी आलाकमान ने तैयार कर लिया है !

बताया जा रहा है कि इस ब्लू प्रिंट को जल्द ही लागू किया सकता है कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के भी एक अक्टूबर को जयपुर आने की संभावना है !

दिग्गी यहां मं​त्री विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक में भाग लेंगे
दरअसल पंजाब के बाद 17 सितंबर को राहुल गांधी और सचिन पायलट की मुलाक़ात हुई इस लंबी चली बैठक बड़े बदलाव का संकेत देने लगी थी !

राहुल करीब 13 महीने बाद सचिन पायलट से मिले उसके बाद सचिन पायलट की विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात हुई !

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बतौर पीसीसी अध्यक्ष रहते भले ही सचिन पायलट ने सीपी जोशी को ज्यादा भाव न दिया हो लेकिन अब दोनों ही अपनी कड़वाहट भूला चुके हैं !

इस मुलाक़ात के बाद कहा जा रहा है कि पंजाब जैसा फ़ार्मूला राजस्थान में भी लागू हो सकता है जैसे पंजाब में नवजोत और कैप्टन की लड़ाई का फायदा चरणजीत चन्नी ले उड़े !

वैसे ही राजस्थान में पायलट और गहलोत की सियासी लड़ाई का फायदा किसी और को भी हो सकता है !

दरअसल पायलट और जोशी की मुलाक़ात कहानी तो उसी दिन लिखी जा चुकी थी जिस दिन पायलट की राहुल गांधी से लंबी मुलाकात हुई थी !

इस मुलाक़ात में तीन ही मुद्दों पर खास बात हुई संगठन और सत्ता में बदलाव और खुद सचिन की भविष्य की भूमिका पर चर्चा हुई !

संगठन में बदलाव का मतलब है कि यह निकाले जा सकते हैं कि शिक्षा मंत्री ओर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की कुर्सी पर खतरा आ सकता है !

सत्ता में बदलाव का मतलब उन मंत्रियों की छुट्टी होना तय है जिनका कामकाज जनता और प्रदेश प्रभारी अजय माकन को पसंद नहीं आया या फिर जुलाई के अंतिम सप्ताह में हुई रायशुमारी में विधायक जिन मंत्रियों के खिलाफ नजर आए !

साथ ही यहाँ कामराज प्लान लागू हो सकता है यानी काम करने वाले मंत्री ही राज में रहें और बाकी को संगठन के काम में लगाया जाए !

खुद अजय माकन कह चुके हैं कि प्रदेश के कुछ मंत्री संगठन में जाने के इच्छुक हैं !

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