जयपुर. राजस्थान के सियासी रण में हर कोई अपने कयास लगा रहा है हर कोई अपने तर्क देने में लगा है लेकिन हकीकत ये है कि गहलोत औप पायलट की लडाई काफी आगे जा चुकी है जिसमें सुलह होने जैसी बात तो रही ही नहीं है !
एसओजी द्वारा कोर्ट में सचिन पायलट पर लगायी गयी राजद्रोह आदि जैसी धाराओं को वापस लेने और जांच को एसीबी को सौंपने पर लगातार सवाल किये जा रहे हैं सरकार द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि अनुसंधान अधिकारी द्वारा जांच ढंग से नहीं कि गयी और ऐसी धारा लगा दी गयी !
अब आलाकमान भी जख्मी पायलट को मनाने की कोशिश कर रहा है एवं उग्र गहलोत को भी आलाकमान की नसीहत है कि शब्दों पर संयम रखे लेकिन पायलट और उनकी सेना गहलोत की कुर्सी से नीचे कोई समझौता नहीं करना चाहती !
इस बीच आलाकमान ने एक फॉर्मूला दिया है कि गहलोत v/s पायलट की लडाई को अगर सीएम किसी तीसरे चेहरे को बना दिया जाये उसमें सीपी जोशी, लालचंद कटारिया, गोविंद सिंह डोटासरा के नाम शामिल हैं लेकिन अशोक गहलोत किसी कीमत पर राजस्थान में किसी और को मुख्यमंत्री बनने देना चाहेगें तो ऐसे में क्या राजस्थान की ये कलह नहीं सुलझेगी या गहलोत और पायलट की ये लडाई आगे भी ऐसे ही चलती रहेगी !