CWC की बैठक में सबसे ज्यादा गर्मा-गर्मी जिस मुद्दे पर हुई, वो मुद्दा था कि 23 नेताओँ की तरफ से लिखी गई चिट्ठी सोनिया गांधी के पास पहुंचने के साथ साथ मीडिया में कैसे लीक हुई ।
इस बात पर राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक सभी नाराज दिखे और अब ये कोशिश की जा रही है कि उस विश्वासघाती जयचंद को ढूंढा जाए, जिसने पार्टी की छवि खराब करने के साथ साथ, पत्र को मीडिया में लीक किया ।
यही वजह रही हैं कि बैठक में बाकी नेताओं के तेवर भी बेहद सख्त थे. केसी वेणुगोपाल ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए बागी नेताओं को इशारों-इशारों में साफ कर दिया कि बतौर संगठन महासचिव इस अनुशासनहीनता के लिए एक्शन लेना उनकी ड्यूटी बनती है और वो हर हाल में जो भी जिम्मेदार हैं, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।
वहीं सोनिया गांधी की करीबी रहीं राज्यसभा सांसद अंबिका सोनी ने भी इस बात को आगे बढ़ाया और कहा कि अगर जिले या ब्लॉक लेवल पर कोई पार्टी का अनुशासन तोड़ता है तो उसके खिलाफ एक्शन होता है. इस मसले पर भी मामले की तह तक जाना चाहिए और अनुशासनहीनता के लिए नेताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए ।
चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर तंज कसते हुए पार्टी के एक नेता ने कहा कि जयचंद का पता लगाना जरूरी है. पंजाब की इंचार्ज आशा कुमारी ने कहा कि अगर चिट्ठी सोनिया गांधी को भेजी गई थी तो वह सार्वजनिक कैसे हो गई इस बात पर जांच होनी चाहिए कि आखिर तक चिट्ठी को लीक करने वाला कौन है?
इसके अलावा रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्र अखबार में छपने का खंडन किया. उन्होंने कहा कि ‘मुझे पता है किसने चिट्ठी संजय झा को दी और किसने एक अखबार को इसकी पूरी जानकारी दी. पार्टी की बात पार्टी के फोरम में होती है ना कि अखबारों में छपने के लिए.’