पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के पुत्र और युवा नेता अनिरुद्ध सिंह ने अपने पिता के विभाग को ही अस्तित्वहीन और नाकारा तक बता दिया है. पर्यटन विभाग की बैठकों में शामिल रहने से विभाग के अफसरों की नाराजगी के मामले में जवाब देते हुए अनिरुद्ध ने तल्ख तेवर दिखाए है. पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और विभाग की प्रमुख सचिव के बीच कई मुद्दों पर गहरे मतभेद उभरने की खबरें हैं. पिछले दिनों पर्यटन विभाग के मंत्री द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक से भी प्रमुख सचिव नदारद रहीं.
अस्तित्वहीन विभाग की बैठक लेने से ज्यादा करने के लिए हैं और भी रचनात्मक कार्य
हाल ही में अनिरुद्ध सिंह ने ट्वीट किया कि मैं किसी मीटिंग में मौजूद नहीं था. जिस घर में मीटिंग थी वहां मैं रहता जरूर हूं. जो अफसर आरोप लगा रही हैं वे भी उस मीटिंग में नहीं थीं. मेरे पास व्यावहारिक रूप से अस्तिवहीन विभाग की बैठक लेने से ज्यादा करने के लिए और भी रचनात्मक काम हैं. मैं एक नॉन फंक्शनल विभाग की बैठक क्यों लेना चाहूंगा. राजस्थान पर्यटन को लेकर सोशल मीडिया पर कैम्पेन मेरे पिताजी खुद चला रहे हैं.
बीजेपी सांसद दीया कुमारी का लिया पक्ष
पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह स्वयं अपने बेबाक बयानों और अपने चुटीले ट्वीट के कारण चर्चा में रहते हैं. पिछले कुछ दिनों से उनके बेटे अनिरुद्ध सिंह भी उसी राह पर हैं. अनिरुद्ध सिंह ने पिछले दिनों कुछ ऐसे ट्वीट किए हैं जो कांग्रेस पार्टी लाइन से बिल्कुल उलट हैं. आत्मनिर्भर शब्द के उच्चारण पर वायरल वीडियो को लेकर भी अनिरुद्ध ने अमित शाह के बचाव में ट्वीट किया था. कांग्रेस विधायक दानिश अबरार और बीजेपी सांसद दीया कुमारी के बीच बयानों की जंग में उन्होंने दीया कुमारी का पक्ष लिया. अब अनिरुद्ध ने अपने पिता के विभाग को अस्तित्वहीन और नकारा बताकर कई तरह की चर्चाओं को बल दे दिया है.