कोरोना संकट के बीच अब सरकार चरणबद्ध तरीके से स्कूल-कॉलेजों को खोलने पर विचार कर रही है। साथ ही स्विट्जरलैंड जैसे देशों के मॉडल पर स्टडी की जा रही है, जहां बच्चे कोरोना काल में भी सुरक्षित स्कूल जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने एक सितंबर से 14 नवंबर के बीच चरणबद्ध तरीके से स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की योजना तैयार की है।
आपको बता दें कि कोरोना संकट के कारण मार्च के आखिरी हफ्ते से ही सभी स्कूल बंद हैं
इस योजना के हिसाब से सचिवों के एक समूह के साथ चर्चा भी हो चुकी है. खबरों की मानें तो इसके लिए कोविड-19 का प्रबंधन देख रहे मंत्रियों के एक समूह को जिम्मेदारी सौंपी गई है. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन मंत्रियों के इस समूह की अध्यक्षता कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस महीने के अंत तक कोरोना के लिए फाइनल अनलॉक गाइडलाइन जारी होने की उम्मीद है जिसमें इस फैसले को नोटिफाई करने का काम सरकार कर सकती है.
दो शिफ्ट में चलेंगे स्कूल
* जिन राज्यों में मामले कम हैं, वहां की सरकारों ने स्कूल खोलने को लेकर उत्सुकता व्यक्त की है।
* अभी के प्लान के मुताबिक स्कूलों को फेस के हिसाब से खोला जाएगा।
* पहले 15 दिन क्लास 10 से 12 के छात्रों को स्कूल आने को कहा जाएगा।
* हर सेक्शन के बच्चों के लिए अलग- अलग दिन निर्धारित कर दिया जाएगा।
* स्कूल शिफ्ट में चलेंगे, जिसमें पहली शिफ्ट सुबह 8 से 11 बजे और दूसरी शिफ्ट 12 बजे से 3 बजे तक होगी। एक घंटे का ब्रेक रहेगा।
* स्कूलों को सलाह दी जाएगी कि वो शिक्षकों, स्टॉफ और छात्रों की संख्या 33 प्रतिशत तक ही सीमित रखें।
जुलाई में हुआ था सर्वे
गौरतलब है कि जुलाई में हुए एक सर्वे के अनुसार ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नजर नहीं आ रहे थे. राज्य सरकारों का भी कहना है कि स्कूल न खुलने से ऐसे बच्चों को परेशानी का सामना करना पड रहा है, जो गरीब हैं और जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सुविधा उपलब्ध नहीं है.