जयपुर. राजस्थान का सियासी घमासान अब सियासी तूफान का रूप लेता जा रहा है दोनों खेमे अपने अपने बयानों से सियासत को गर्मा रहे हैं लेकिन इस बीच एक बात तय है कि एक न एक खेमे का भविष्य तो सुरक्षित नहीं है और 14 अगस्त के बाद तस्वीर भी साफ हो जायेगी !
आपको बता दें कि फिलहाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सुरक्षित हैं और सचिन पायलट कि सियासत पर संकट मंडराता नजर आ रहा है क्योंकि ये तय है कि विधानसभा में सरकार कोई वित्तीय बिल तो नहीं लायेगी किसी छोटे बिल पर ही ये तय हो जायेगा कि कौन समर्थन कर रहा है कौन नहीं अगर पायलट खेमा बिल पर समर्थन नहीं करता है तो सदस्यता चली जायेगी और फिर बहुमत साबित करने के लिए 91 विधायक की जरूरत होगी !
सूत्रों के मुताबिक संख्याबल के आधार पर अभी गहलोत खेमे पर 98 विधायक हैं जिनमें 6 बसपा के विधायक हैं अगर वो विधायक भी गहलोत सरकार के पक्ष में वोट नहीं करते हैं तो भी गहलोत सरकार के पक्ष में 92 विधायक रहेंगे जो कि बहुमत से 1 ज्यागा हैं !
अब बात है सचिन पायलट के भविष्य की पायलट सहित उनके बाकि विधायक यदि सरकार का साथ नहीं देते हैं तो सदस्यता चली जायेगी और उसके बाद उपचुनाव होगा जिसमें किसी भी हालत में 19 में से 19 विधायक नहीं जीत पायेगें और अगर नहीं जीतते हैं तो आखिर इतने बागी तेवर दिखाने का मतलब क्या रह जायेगा क्योंकि कांग्रेस के भी दरवाजे उनके लिये बंद हो जायेगें और भाजपा में उन्हें इतना मान सम्मान नहीं मिलने वाला तो ये बात तो तय है कि सचिन की सियासत अब संकट में आ चुकी है !
Asokgahlot. Cm. Rajstan