मध्यप्रदेश में एक तरफ कांग्रेस को उप-चुनाव में लड़कर जीतना है, और कमलनाथ ने ये जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले रखी है और कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया ना बन जाए, इसलिए प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी से लेकर नेता प्रतिपक्ष के पद तक अपने पास रखे हैं ।लेकिन जैसे ही सोनिया गांधी ने कहा कि वो अब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहना चाहती ,कमलनाथ को अपनी ताकत कमजोर होने का डर सताने लगा और इसलिए कमलनाथ ने ट्वीट कर सोनिया को ही अध्यक्ष पद पर बने रहने की गुजारिश कर दी । इतिहास को भी याद दिलाया गया और बताया गया कैसे 2004 में अटल सरकार को गिराने के लिए सोनिया ने अपने हाथों में कांग्रेस की जिम्मेदारी ली थी । इस दौरान आपको बता दें कि कमलनाथ गांधी परिवार के बेहद करीब रहे हैं और एक वक्त में नारा लगा था कि ”इंदिरा के दो ही लाल, एक संजय, दूसरा कमलनाथ”। हालांकि इसके बाद सियासी दरिया से वक्त का बहुत पानी बह गया है । लेकिन कमलनाथ इंदिरा के बाद, जिनसे सबसे विश्वासपात्र रहे वो सोनिया गांधी हैं । ऐसे में अगर सोनिया गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ती हैं, तो फिर कमलनाथ की पकड़ कमजोर पड़ सकती हैं और दिग्विजय की दावेदारी बढ़ जाएगी क्योंकि राहुल के आने पर राहुल के राजनीतिक गुरु कहलाने वाले दिग्गी राजा मध्यप्रदेश में सीएम की फिर से दावेदारी ठोक देंगे । हालांकि लग रहा है कि अभी कुछ महीनों तक सोनिया गांधी ही अध्यक्ष बनी रहेंगी ।कम से कम राजस्थान की स्थिति सामान्य होने और मध्यप्रदेश में उप-चुनाव के परिणाम आने तक ।