चूरू. पुलिस मुख्यालय ने राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई सुसाइड केस को संगीनता से लेते हुए पूरे मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच से एसपी विकास कुमार शर्मा सहित 7 सदस्यों की टीम को मौके पर भेजा है । यह टीम 7 दिन में जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट मुख्यालय में पेश करेगी। वहीं अब तक की जांच के बाद में इस मामले के तार भरतपुर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नाई से भी जुड़े होने की खबर आ रही हैं ।
पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह यादव का कहना है कि राजस्थान पुलिस ने एक जांबाज सिपाही खोया है। इस घटना के पीछे अगर किसी का भी हाथ है तो वह बचेगा नहीं। कानून सबके लिए समान होता है। मुख्यालय अपने स्तर पर इस पूरे मामले की जांच सीनियर आईपीएस अफसर से करवा रहा है। एडीजी क्राइम बीएल सोनी ने बताया कि सीआई विष्णुदत्त विश्नोई के सुसाइड से राजस्थान पुलिस को आघात पहुंचा है। विश्नोई एक जांबाज पुलिस अधिकारी थे। उनके सुसाइड करने के कारणों की जांच पुलिस मुख्यालय अपने स्तर पर करवा रहा है। इसके लिए जांच टीम को 7 दिन का समय दिया गया है।
राजेन्द्र गढवाल हत्याकांड की कर रहे थे जांच
आपको बता दें कि राजगढ़ में 2 दिन पहले 20 मई को राजेन्द्र गढ़वाल की बोलेरो में सवार कुछ नामी बदमाशों ने अंधाधुध फायरिंग कर हत्या कर दी थी। इस दौरान राजेन्द्र के बेटे और उसके एक दोस्त को भी गोली लगी थी। गढ़वाल पर हमला करने वाली गैंग और राजेन्द्र दोनों ही चूरू में शराब का अवैध काम करते हैं। इस लेकर दोनों में काफी खींचतान रहती थी। इन दोनों की खीचतान को लेकर कई बार विश्नोई ने भी कार्रवाई की थी।
गौरतलब हैं कि पुलिस को शुक्रवार ही इस मामले में एक लीड मिली थी कि इस हत्याकांड के पीछे भरतपुर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का हाथ हो सकता है। उसके बाद पुलिस ने रात को भरतपुर जेल में रेड की। इस दौरान लॉरेंस के पास से पुलिस को दो स्मार्ट मोबाइल और दो सिम कार्ड बरामद हुए ।मोबाईलों के कॉल रिकॉर्ड की जांच डीआईजी भरतपुर कर रहे है। सीआई विश्नोई के सुसाइड मामले में इस पहलू पर भी काम किया जा रहा है, क्योंकि लॉरेस विश्नोई का धमकाने और डराने का पुराना रिकॉर्ड रहा है।