मप्र : मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के संबंध में हुई बैठक में एक अहम निर्णय लिया हैं ।
इस बैठक में मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा महाविद्यालय के स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षार्थियों को जनरल प्रमोशन दिया जाएगा अर्थात बिना परीक्षा दिए उन्हें पिछले सेमेस्टर के अंकों के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा।
साथ ही स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के परीक्षार्थियों के पूर्व वर्षों/ सेमेस्टर्स में से सर्वाधिक अंक प्राप्त परीक्षा परिणाम को प्राप्तांक मानकर अंतिम वर्ष/सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे।
हालांकि जो परीक्षार्थी परीक्षा देकर अपने अंकों में सुधार चाहते हैं, उनके पास परीक्षा देने का विकल्प भी रहेगा। वे बाद में ऑफलाइन परीक्षा दे सकेंगे।
आपकों बता दें कि प्रदेश में स्नातक एवं स्नातकोत्तर के 17 लाख 77 हजार परीक्षार्थी हैं, कोरोना महामारी के चलते जिनकी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया था ।
रिकवरी रेट में लगातार हो रही बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश की रिकवरी रेट 76.3 प्रतिशत हो गई है, जबकि भारत की 55.8 प्रतिशत है। प्रदेश में कोरोना के 175 नए मरीज मिले है, जबकि 200 मरीज स्वस्थ होकर घर गए हैं। प्रदेश में वर्तमान में कोरोना के एक्टिव प्रकरणों की संख्या 2342 रह गई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना मॉनीटरिंग के लिए बनाए गए वरिष्ठ प्रभारी अधिकारी अपने प्रभार के जिलों का दौरा करें तथा वहां की व्यवस्थाएं देखें। हमें कोरोना संक्रमण को हर हालत में रोकना है।