सचिन पायलट को जैसे ही प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाया गया, ये साफ हो गया था कि इस पद पर जो भी बैठेगा, वो गहलोत के बेहद करीबी होगा और पूरी निष्ठा गहलोत के प्रति होगी और इस पद पर बैठे गोविंद सिंह डोटासरा .डोटासरा ने प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद सबसे पहले प्रदेश की DCC, BCC को भंग किया । यहां से संदेश गया कि डोटासरा ने सचिन की टीम को पूरे तरीके से संघटन से बाहर किया । एक चैनल को दिए बयान में गोविंद डोटासरा ने कहा कि वो PCC दफ्तर में भी बदलाव करने वाले हैं । हालांकि वो कहते हैं कि वो PCC को साफ, स्वच्छ बनाना चाहते हैं और जिन सामानों का इस्तेमाल अभी तक नहीं हुआ है या जो खराब हैं उनको पीसीसी से बाहर करेंगे । साथ ही ऐसी व्यवस्था करेंगे कि PCC के अधिकारियों और कर्मचारियों को कोई समस्या ना आए .लेकिन क्या ऐसा कहते हुए वो ये बताता चाहते हैं कि सचिन पायलट के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए PCC पर ध्यान नहीं दिया जाता था और सचिन PCC को संभाल नहीं पाए थे ।हालांकि इस दौरान डोटासरा ने ये भी कहा कि अब जल्द ही संघटन का विस्तार किया जाए और DCC, BCC तैयार की जाएंगी , तो क्या अब प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी से सचिन के जाने के बाद अब डोटासरा ऐसा संघटन बनाना चाहते हैं जो उनके जरिए सीधे मुख्यमंत्री गहलोत के इशारों पर काम करे , तो क्या अब सरकार के बाद अब संघटन स्तर पर भी सचिन की ताकत को कम किया जा रहा है । ऐसे में देखना है कि सचिन पायलट की भूमिका संघटन विस्तार में कितनी रहती है ।