राजस्थान में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है, अब हर दिन 1300 से ज्यादा पॉजिटिव मामले आ रहे हैं . ऐसे में सियासत भी जमकर हो रही है, हाल ही में सचिन पायलट, रमेश मीणा और पायलट गुट के अन्य नेता जब अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचे तो जमकर शक्ति प्रदर्शन किया गया, हजारों की तादाद में लोगों को जुटाया गया, ढोल नगाड़े बजाए गए, जबकि कोरोना के नियम के मुताबिक यह गलत है, गैरकानूनी है, अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी कोरोना की गाइड लाइन का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, सियासी तौर पर इस तरीके की चर्चाएं हैं कि जो शक्ति प्रदर्शन सचिन गुट की तरफ से किया गया उससे गहलोत गुट नाखुश हैं और यही वजह है कि इसके खिलाफ आवाज आ रही है, लेकिन आपको ध्यान होगा कि बाकायदा ऐसे शक्ति प्रदर्शन जिला स्तर पर कांग्रेस की तरफ से किए गए थे, उसमें भी नियमों को तोड़ा गया था, जब राजभवन का घेराव किया गया था उस दौरान भी नियमों को तोड़ा गया था, जब होटल के अंदर 100 से ज्यादा विधायक एक साथ इकट्ठे हुए थे तब भी नियम को तोड़ा गया था, बसों में बैठने से लेकर हवाई जहाज में उड़ने तक नियमों को तोड़ा गया ऐसे में सचिन के शक्ति प्रदर्शन के सामने लगता है कि सरकार परेशान हैं . हालांकि सचिन पायलट को भी यह ध्यान रखना चाहिए कि शक्ति प्रदर्शन के जरिए अपनी ताकत दिखा सकते हैं लेकिन इससे जनता की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी, उम्मीद करेंगे आगे से इस तरीके की शक्ति प्रदर्शन ना करें लेकिन इस घटना ने यह तो बता दिया कि गहलोत सचिन पायलट गुट के शक्ति प्रदर्शन से घबराए हुए हैं.