सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से हटाने के बाद गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया गया लेकिन बहुत से फोटो ऐसे हैं जिन्होंने बता दिया कि गोविंद सिंह डोटासरा सचिन पायलट के जैसे प्रदेश अध्यक्ष नहीं है मतलब वह जो भी फैसले लेते हैं उसमें अशोक गहलोत की इजाजत होती है ।
हाल ही में अजय माकन की मीटिंग में भी सचिन पायलट गुट के सामने गोविंद सिंह डोटासरा को उन्हीं के कक्ष से बाहर भी निकाला गया अब खबर है कि उनसे शिक्षा मंत्री का पद वापस ले लिया जाएगा इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस में अब एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला लागू किया जाएगा ।
आपको बता दें कि कांग्रेस में यह फार्मूला दशकों से लागू करने की बात होती है सचिन पायलट इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष भी थे वह उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे ग्रामीण विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी थी उनके पास इसके अलावा पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास थी उस दौरान सचिन पायलट को कोई भी यह नहीं कह पाया कि एक व्यक्ति एक पद के फार्मूले के साथ आपको या तो अध्यक्ष की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी या फिर मंत्रालय छोड़ने पड़ेगी ।
लेकिन गोविंद सिंह डोटासरा इस फार्मूले की बलि चढ़ा सकते हैं और अगले मंत्रिमंडल विस्तार में मान कर चलिए क्यों उनसे शिक्षा मंत्री का पद छीन लिया जाएगा