जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के चीफ एवं प्रदेश के उपमुखिया सचिन पायलट ने 2013 में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाली थी और पार्टी के हताश और निराश कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का काम किया था !
इसमें भी कोई शक नहीं है कि प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता काबिज कराने में पायलट ने अहम योगदान निभाया और इस मेहनत के फलस्वरूप पायलट को आलाकमान ने उपमुख्यमंत्री जैसी एक अहम जिम्मेदारी वापस से सौंपी !
लेकिन इसके बाद से ही कुछ मीडिया के निशाने पायलट रहने लगे दरअसल पायलट अपनी लोकप्रियता के चलते काफी चर्चाओं में रहते हैं जिसके कारण ही कुछ संस्थानों की मंशा रहती है कि उनको कैसे डेमेज किया जाये ! राज्यसभा चुनाव से पहले भी ऐसी कोशिशें जारी हैं पायलट को ऐसे दर्शाया जा रहा है कि कहीं पायलट की मंशा पार्टी के खिलाफ तो नहीं !
लेकिन बडा सवाल यहां खडा होता है कि जब कांग्रेस के प्रत्याशियों ने राज्यसभा के लिए नामांकन किया था तब ही पायलट ने साफ कर दिया था कि हमारे दोनों प्रत्याशी जीतेगें उसके बाद क्यों पायलट को कुछ मीडिया संस्थान निशाने पर लिये हुये हैं हालांकि पायलट फिर भी कई बार कह चुके हैं कि भ्रम कोई भी फैलाता रहे मैं कांग्रेस पार्टी के साथ था और आगे भी रहूंगा !