जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से झंडा फहराया, एक इतिहास बन गया .इतिहास इस बात का कि गैर कांग्रेसी किसी प्रधानमंत्री ने 7 बार झंडा फहराया है ।लेकिन हम ऐसा क्यों कह रहे हैं कि कांग्रेस ने जीतने झंडे गाड़े है, मोदी जी उसके आस-पास भी क्यों नहीं है .दरअसल कांग्रेस की जुबानी या कहें कि मुख्यमंत्री गहलोत की जुबानी जो कहा जाता है कि देश के लिए गांधी परिवार ने बलिदान दिया .विकास की शुरुआत नेहरू युग से हुई आज हम आपको आंकड़ों के साथ बताते हैं कि बीजेपी क्यों इतिहास के माइने में कांग्रेस के आस-पास भी नहीं है .दरअसल पं. नेहरू 27 मई 1964 तक देश में प्रधानमंत्री पद पर रहे, इस दौरान उन्होंने लगातार 17 बार स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया .ये वो इतिहास है जिसका मुकाबला करना बेहद मुश्किल है और इसको तोड़पाना नामुमकिन क्योंकि इसके लिए ना सिर्फ मोदी जी को 2024 का चुनाव जीतना होगा .बल्कि पूरे 5 साल प्रधानमंत्री रहना होगा और उसके बाद फिर 2029 का चुनाव जीतना होगा .जो वर्तमान स्थिति में नामुमकिन दिखाई देता है .वहीं इंदिरा गांधी 1966 से लेकर 1977 तक और फिर 1980 से लेकर 1984 तक प्रधानमंत्री पद पर रहीं। बतौर प्रधानमंत्री अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने 11 बार और दूसरे कार्यकाल में पाँच बार लाल किले पर झंडा फहराया .यानि 16 बार ही उन्होंने भी झंडा फहराया .इस रिकोर्ड को तोड़ना भी लगभग नामुमकिन हैं .वहीं स्वतंत्रता दिवस पर 5 या उससे ज्यादा बार तिरंगा फहराने का मौका नेहरू और इंदिरा गाँधी के अलावा राजीव गाँधी, पी. वी. नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह को मिला .लेकिन आजाद भारत के कुछ ऐसे प्रधानमंत्री भी रहे हैं .जिन्होंने एक बार भी झंडा नहीं फहराया .उनमें गुलजारी लाल नंदा और चंद्रशेखर का नाम आता है …जानकारी अच्छी लगी तो शेयर करें .