राज्य में सियासी दंगल भले ही खत्म हो गया हो लेकिन अब मंत्रीमडंल विस्तार की स्थिती बनने लगी है जिससे कई जिलों में मंत्री पद मिलने की आस जाग गयी है वर्तमान गहलोत सरकार में खुद मुख्यमंत्री सहित 22 मंत्री है जिसमें 17 जिलों के विधायक मंत्री हैं, इनमें 3 जिले ऐसे हैं जिनमें एक से अधिक मंत्री हैं सर्वाधिक मंत्री जयपुर से (3) हैं, बीकानेर, भरतपुर, दौसा से 2-2 मंत्री शामिल हैं शेष 13 जिलों से एक-एक मंत्री है !
मंत्रीमंडल की स्थिती देखी जाये तो 30 मंत्री बनाये जा सकते हैं और 22 मंत्री फिलहाल मंत्रीमडंल में है मतलब अभी सरकार में 8 विधायक और मंत्री बन सकते हैं सत्ता संग्राम के दौरान सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और विश्वेन्द्र सिंह, रमेश मीणा को कैबिनेट मंत्री पद से हटा दिया गया जिससे टोंक, करौली जिले की मंत्रीमंडल में भागीदारी खत्म हो गयी और भरतपुर से मंत्रियो की संख्या 3 से घटकर 2 रह गयी !
मंत्रीमडंल में सबसे बडी जो चुनौती सामने आयेगी वो है संभाग व जिलों की भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ साथ जातिगत और गुटबाजी को साधना और इसके लिये रणनीति बनाना ऐसे में हो सकता है कि कुछ मंत्री पद छिन जाये और कुछ के विभागों में फेरबदल भी हो जाये !