जयपुर : हाल ही में राज्यसभा चुनाव संपन्न हुए है इस दौरान विधायकों की खरीद – फरोख्त के मामले ने बड़ा तूल पकड़ रखा था ।यह मामला अभी थमा भी नहीं था कि राजस्थान की सियासत में एक और नया हंगामा हो गया है।
पीसीसी अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर छिड़ा संग्राम
आपकों बता दें कि विधानसभा चुनावों के बाद से ही पायलट और गहलोत खेमे में खींचतान जारी हैं । मुख्यमंत्री गहलोत इस पद पर अपने खास को काबिज करने में जुटे हैं तो वहीं पायलट इस कुर्सी पर बने रहने के लिए अपना पूरा जोर लगाए हुए हैं ।
पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने साफ तौर पर कहा हैं कि वो प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी पर बने रहेंगे या नहीं इसका फैसला सिर्फ कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी ।
एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत की उठ रही मांग
सियासी गलियारों में एक व्यक्ति एक पद को का सिद्धांत लागू करने की अटकलें भी दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं । यदि यह सिद्धांत लागू होता हैं तो पायलट को पीसीसी चीफ या उपमुख्यमंत्री में से एक पद छोड़ना पड सकता हैं ।
गौरतलब हैं कि अशोक गहलोत ने अपने एक बयान में कहा था कि ‘नई पीढ़ी की रगड़ाई कम हुई हैं , इसी कारण पार्टी में उनकी आस्था कम हैं । ‘