आपातकालीन खरीद के तहत रूस से 12 सुखोई और 21 मिग-29 खरीदने पर भारत विचार कर रहा है। भारतीय वायु सेना (IAF) ने रूस से 33 नए लड़ाकू विमान लेने के लिए सरकार के एक प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है। यह माँग ऐसे समय में की जा रही है, जब सीमा पर भारत और चीन के बीच सामरिक सम्बन्ध ठीक नहीं चल रहे हैं।
भारत ने 12 नए सुखोई और 21 नए मिग -29 की खरीद के साथ अपनी हवाई ताकत को मजबूत करने का फैसला किया है। भारतीय वायु सेना ने पहले ही प्रक्रिया शुरू कर दी है और इस संबंध में भारत सरकार को शीघ्र अधिग्रहण का प्रस्ताव भेजा गया है। केंद्र सरकार के सूत्रों ने न न्यूज़यापा को बताया कि प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है, जो अगले सप्ताह तक अनुमानित 5,000 करोड़ रुपये की परियोजना पर फैसला करेगा। इंडिया टुडे द्वारा जांच की गई प्रस्ताव प्रतियों में, यह उल्लेख किया गया है कि रूस से अतिरिक्त मिग -29 प्राप्त करने के लिए, मिग -29 अपग्रेड के लिए मौजूदा अनुबंध में संशोधन होंगे। 36 राफेल विमानों के लिए 2016 में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद वायु सेना द्वारा अधिग्रहण किए जाने वाले 33 नए विमानों में से यह दूसरा सबसे बड़ा विमान होगा। भारतीय वायु सेना ने यह भी प्रस्तावित किया है कि सरकार भविष्य में पुर्जों के मुद्दे को रोकने के लिए एक स्पष्ट बोली में लड़ाकू विमानों से जुड़े संपूर्ण उपकरणों की खरीद करेगी। अधिग्रहण की बोली ऐसे समय में आती है जब भारत और चीन गालवान घाटी में गहन गतिरोध में लगे हुए हैं। 15 जून की रात को, भारतीय सैनिकों और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के बीच एक हिंसक झड़प हुई, जिसके परिणामस्वरूप 16 बिहार रेजिमेंट के 20 कर्मी ड्यूटी के दौरान मारे गए
भारतीय वायुसेना (IAF) जिन 21 मिग-29 विमानों को खरीदने पर विचार कर रही है, वे रूस के हैं, जिन्होंने वायु सेना को नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करने के लिए इन विमानों को बेचने की पेशकश की है। यह माँग ऐसे समय पर की जा रही है, जब लद्दाख क्षेत्र में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के सैनिकों के बीच माहौल संवेदनशील है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि वायु सेना कुछ समय से इस योजना पर काम कर रही है, लेकिन वो अब इस प्रक्रिया पर तत्परता से नजर रख रही है और 6,000 करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्तावों की उम्मीद की जा रही है, जिसे अगले सप्ताह उच्च स्तर पर अंतिम मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय के समक्ष रखा जाएगा।
इस प्रस्ताव में 12 एसयू -30 एमकेआई का अधिग्रहण शामिल है, जिनकी आवश्यकता विभिन्न दुर्घटनाओं में वायु सेना द्वारा खोए गए विमानों की संख्या को बदलने के लिए होगी। भारत ने अलग-अलग बैचों में 10 से 15 साल की अवधि में 272 Su-30 फाइटर जेट्स के ऑर्डर दिए थे।
गौरतलब है कि हाल ही में गलवान घाटी पर चीन की सेना ने जो धोखा किया, उसके कारण भारतीय सेना ने अपने कम से कम 20 जवान खोए। सीमा पर खड़े चीनी सैनिकों को इस दौरान भारत की ओर से मुँहतोड़ जवाब मिला। नतीजतन उनके कमांडिग ऑफिसर समेत 43 सैनिक मारे गए।
हालाँकि, पहले इस झड़प को लेकर मीडिया में स्पष्ट सूचना नहीं आ रही थी। मगर, अब धीरे-धीरे सब साफ हो रहा है। ऐसे में भारतीय वायुसेना द्वारा नए लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण का प्रस्ताव कई तरह की संभावनाओं को जन्म दे रहा है।