सितम्बर का महीना राजस्थान की सियासत को पूरे तरीके से बदल देगा . सितम्बर में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियां, प्रदेश कांग्रेस कमेटी और जिला कांग्रेस कमेटियों की कार्यकारिणी का गठन होगा .सूत्रों के अनुसार इस महीन के अंत तक प्रदेश के चारों प्रभारी सचिवों को भी हटा दिया जाएगा और सचिन गहलोत को एक और झटका देंगे .पांडे को हटाने के साथ ही उनके चारों सहयोगी सचिवों देवेंद्र यादव, विवेक बंसल, काजी निजामुद्दीन और तरूण कुमार को हटाने का निर्णय किया गया है, और ये सब हुआ सचिन पायलट के दिल्ली में रहते हुए और जानकारी है कि सचिन गुट से गहलोत मंत्रीमंडल में 4-5 विधायक शामिल होंगे .यानि गहलोत को पहला झटका, अविनाश पांडे की राजस्थान से विदाई करवाकर दिया ,दूसरा झटका 3 नेताओं की समिति बनवाकर दिया ,तीसरा झटका अब सह-प्रभारियों की राजस्थान से विदाई के साथ दिया जाएगा और चौथा झटका गहलोत मंत्रीमंडल में सचिन गुट के विधायकों को शामिल करके दिया जाएगा ,पांचवा झटका अपने खेमे से उप-मुख्यमंत्री बनवाकर, छठा झटका संगठन में पायलट गुट को बराबर का हक दिलाकर और सांतवा झटका राजनीतिक नियुक्तियों में बराबरी का हक पाकर दिया जाएगा . हालांकि सूत्रों के हवाले से जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक सचिन पायलट खुद सरकार में हिस्सेदारी नहीं लेंगे .लेकिन अपने 4-5 विधायकों को मंत्रीमंडल में शामिल जरूर कराएंगे .इसको आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि गहलोत से आलाकमान ने मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने की बड़ी कीमत मांगी है, जिससे सचिन को संतुष्ट रखा जा सके .