कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रवासियों को वितरण किए गए राशन में राजस्थान का पूरे देश में पहले नंबर पर स्थान रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ध्येय वाक्य ‘कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोये’ को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में राशन वितरण करने की व्यवस्था की गई थी । प्रदेश में राशन वितरण करने की व्यवस्था उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली से बेहतर रही है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा के मुताबिक आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत 44600 मीट्रिक टन गेहूं और 2236 मीट्रिक टन चने का आवंटन किया गया। इसमें अभी तक 42478 मीट्रिक टन गेहूं और 1911 मीट्रिक टन चने का वितरण किया जा चुका हैं।
प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत 95 प्रतिशत गेहूं का वितरण
खाद्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत अभी तक लगभग 95.24 प्रतिशत गेहूं का वितरण किया जा चुका है। देश के अन्य राज्यों की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश में 3.1 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 0.04 प्रतिशत, गुजरात में 0.01 प्रतिशत, हरियाणा में 35.07 प्रतिशत, हिमाचल में 46.09 प्रतिशत, दिल्ली में 15.07 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 6.06 प्रतिशत खाद्यान्न सामग्री का ही वितरण किया गया हैं। इसी प्रतिशत के साथ राजस्थान पूरे देश में अव्वल रहा हैं ।